उत्तर प्रदेश के बागपत जिला कारागार में बंदी ऋषिपाल की हत्या की वजह तलाशने के लिए पुलिस माथापच्ची कर रही है। झगड़ा जरूर गड्ढा खोदने के लिए हुआ लेकिन हत्या की वजह सिर्फ यही नहीं है। जेल में धाक जमाने की बात के साथ.साथ बसी गांव की रंजिश के लिंक भी पुलिस तलाश रही है। बबलू काठा ने कहासुनी के बाद किस किसके साथ बात की थी। क्या इस बीच जेल में मोबाइल का प्रयोग हुआ था। तमाम सवाल जांच में उलझे हुए हैं।
जिला कारागार की बैरक संख्या 21 में बंद बबलू काठा और 22 के बंदी ऋषिपाल के बीच झगड़े की शुरूआती वजह बैरक के अहाते में गड्ढा खोदना बताया जा रहा है। पहले पुलिस ने बताया कि गड्ढे में कट्टन दबाए जा रहे थे। अब मुकदमे में लिखवाया गया है कि मोबाइल बैटरी चार्जर या सेविंग रेजर को लेकर कहासुनी हुई।
यह मामला दोपहर 12 बजे जेलर के सामने पहुंचा। दोनों पक्ष कथित तौर पर शांत करा दिए गए। इसके बाद बबलू काठा ने तीन बजकर 20 मिनट पर बैरक में घुसकर हमला किया। जाहिर है कि इस बीच वह साजिश रचता रहा।
पुलिस जांच में जुटी है कि तीन घंटे बीस मिनट तक वह किस किसके संपर्क में रहा था। उसने किस.किस के साथ बात की थी। ऋषिपाल के साथ बसी गांव के जिन लोगों की रंजिश चल रही है। क्या बबलू काठा की उन लोगों से किसी तरीके से बात हुई थी। क्या इस दौरान जेल में मोबाइल एक्टिव हुआ था। ऐसे तमाम सवालों में पुलिस की जांच उलझी हुई है।
डीआईजी जेल, लव कुमार का कहना है कि इसकी जांच पुलिस करेगी। एसपी प्रताप गोपेंद्र यादव का कहना है कि प्रत्येक बिंदू पर जांच की जा रही है।
चार्जर, बैटरी थे तो मोबाइल कहां
यदि ऋषिपाल ने शिकायत की थी कि बबलू गड्ढा खोदकर चार्जर और बैटरी निकाल रहा है तो जाहिर है कि जेल में मोबाइल भी चल रहा था। ऐसे में सवाल है कि आखिर वह मोबाइल कहां है। उधर, आरोपी का कहना था कि वह शेविंग के लिए रेजर निकाल रहा था। यहां सवाल यह कि रेजर को गड्ढे में दबाने की जरूरत क्या थी। जेल में रेजर प्रतिबंधित है तो आखिर बबलू के पास कहां से आया।
हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब जेल में मोबाइल पाए जाने की बात सामने आई है। इससे पहले भी जिला कारागार की बंदी बैरकों से मोबाइल व अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद होते रहे हैं। यही नहीं, मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद जिस मोबाइल से फोटो वायरल किए गए थेए आज तक वह भी पुलिस बरामद नहीं कर सकी है।